आज IBNLIVE पे ये दो खबरें एक साथ देखीं। एक ह्रि्तिक की और एक और सुरेश की।
ह्रि्तिक और सुरेश में मात्र इतनी समानता है कि दोनो भारत के एक ही क्षेत्र, विदर्भ से हैं।अब असमानताएँ। ह्रि्तिक को तीन फिल्मों में काम करने के मिल रहे हैं ३५ करोड़, और १० साल के सुरेश के किसान पिता ने ५० हज़ार के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। हि्तिक अब सबसे ज्यादा पैसा लेने वाले हिन्दी सिनेमा के कलाकार हैं। सुरेश के पिता उन ४१० लोगो में हैं जिन्होने आदरणीय प्रधानमंत्री की विदर्भयात्रा और आश्वासन के बाद आत्महत्या की। सुरेश पढ़ाई छोड़ कर अब खेती करता है, और उम्मीद कर रहा है कि सरकार की तरफ से आत्महत्या कर चुकने वाले किसानों के परिवारों को जो १ लाख रुपए मुआवज़े का वादा है, वो मिल जाए। सुरेश के पिता की आत्महत्या, पिछले कुछ घंटों मे हुई कई आत्महत्याओं में से एक थी।
ये है भारत का ताज़ा छायाचित्र। असमान प्रगति।
मगर यहीं रुकने की आवश्यकता नहीं है। विदर्भ में मरने वालों की संख्या कुल मिला के हज़ार से ऊपर ही है, ये ४१० का नंबर आदरणीय प्रधानमंत्री जी की विदर्भयात्रा के बाद का है। यही हाल उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का भी है। कष्टदायक बात ये कि सरकार की तरफ से किसानों को मिलने वाली मुआवज़े की रकम होती है, २ रू, ५ रू, १२ रू, जिनको बैंक में जमा कराने के लिए ५०० रू का अकाउंट खोलना पड़ता है।
देखतें हैं कितनी और आत्महत्याओं के बाद बहुत बड़े अर्थशास्त्री हमारे प्रधानमंत्री की आँखें खुलती हैं। राज्य सरकार से तो खैर उम्मीद ही कुछ नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को फिल्मी पार्टियों से ही फुर्सत नहीं है।
प्रयास करूँगा कि इस बार अपने रेडियो कार्यक्रम में इस पर चर्चा कर सकूँ, और किसी विश्वसयनीय स्रोत से कुछ छोटी मदद कर सकूँ जोकि भारत सरकार के दो रुपए से ज्यादा ही होंगे।
अनुराग
Wednesday, October 25, 2006
ह्रि्तिक बनाम सुरेश
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अनुरागजी,
ReplyDeleteआपका ईमेल नहीं मिला इसलिए यहाँ लिख रहा हूँ, आपने मेरे चिट्ठे जोगलिखी पर लिखा की मैंने आपकी टिप्पणी क्यों हटा दी, इस पर इतना कहुंगा की मैने कोई टिप्पणी यहाँ तक की घोर निंदा वाली भी कभी नहीं हटाई तो आपकी क्यों हटाता. कुछ और तकनिकी मामला रहा होगा. मैने नहीं हटाई. आप दुबारा टिप्पणी कर सकते है, मुझे खुशी होगी.
धन्यवाद.