Tuesday, January 02, 2007

नए साल की शर्मनाक शुरुआत

बहुत दिन पहले मैंने हम हिन्दुस्तानियों के विनय और आत्मसम्मान की कमी के बारे में चिट्ठा लिखा था। हर कुछ दिन बाद कुछ ना कुछ एसा होता है जो कि मेरी बातों को सच करता है। अब ये मुम्बई की ताज़ातरीन घटना देखिए। नये साल के स्वागत की पार्टी और शराब के नशे में धुत्त लोगों ने एक महिला के लाथ अभद्र व्यवहार किया। कारण कभी क्षणिक उत्तेजना या किसी महिला के भड़काऊ वस्त्र नहीं होते, बल्कि कारण समाज, कानून और महिलाओं के प्रति घटिया और छोटा नज़रिया होना होता है।

जिनमें आशावादिता अब भी है, "उनको नया साल मुबारक हो।"

2 comments:

  1. It's incredibly disheartening to both hear and read about disrespect and abuse to girls and women on any level: locally or globally, whether physical, emotional, sexual--or any combination thereof

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  2. @Ekta

    Ekta I think its more a matter of disrespect towards society, its norms and laws of land. I hope India progress towards an intellectual society.

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