संदर्भ के लिए मैं सर्वप्रथम भस्मासुर की कहानी संक्षेप में बताता हूँ। भस्मासुर एक ऐसा राक्षस था जिसे वरदान था कि वो जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। भस्मासुर ने इस शक्ति का गलत प्रयोग शुरू किया और स्वयं शिव जी को भस्म करने चला। शिव जी ने विष्णु जी से सहायता माँगी। विष्णु जी ने एक सुन्दर स्त्री का रूप धारण किया, भस्मासुर को आकर्षित किया और नृत्य के लिए प्रेरित किया। नृत्य करते समय भस्मासुर विष्णु जी की ही तरह नृत्य करने लगा, और उचित मौका देखकर विष्णु जी ने अपने सिर पर हाथ रखा, जिसकी नकल शक्ति और काम के नशे में चूर भस्मासुर ने भी की। भस्मासुर अपने ही वरदान से भस्म हो गया।
यह कहानी यदि हम ध्यान दें तो वास्तव में हमारी अपनी ही है। बहुत सारे मुद्दे हैं जिन्हे हम घ्यान दें तो पाएंगे की हम धीरे-धीरे किन्तु बड़े निश्चय से मानव जाति के विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। चाहे वह ग्लोबल वार्मिंग हो, पृथ्वी को हजारों बार नष्ट करने की ताकत वाले हथियार हों, बढ़ता अंतर्राष्ट्रीय तनाव हो, सामाजिक समस्याऐं हो, अथवा मानसिक असंतुष्टि हो। हम लोगों की तरफ से इन समस्याओं को बढ़ाने के प्रयास चालू हैं। इस चिट्ठे में फिलहाल मैं बी बी सी में छपी ग्लोबल वार्मिंग की खबर के बारे में बात करना चाहूँगा।
बी बी सी में छपी खबर के अनुसार अभी तक के ग्लोबल वार्मिंग के अनुमान लगभग 75% तक गलत हो सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो हम अपने विनाश की तरफ अपने अनुमानों से बहुत तेज़ आगे बढ़ रहें हैं। इतने सब पर भी हम सब भस्मासुर की तरह अपनी ताकत और शक्ति के नशे में चूर वस्तुस्थिति को स्वीकार करने के लिए नहीं तैयार हैं।
क्योटो संधि, जिसके अनुसार सभी राष्ट्रों को समयबद्ध तरीके से जहरीली गैसों का उत्सर्जन कम करना होगा, अभी तक लटकी पड़ी है। क्येंकि विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र इस तथ्य को मानने को तैयार नहीं है। निजी तौर पर हम कुछ करना चाहते नहीं या जिम्मेदारी मानने से इनकार करते हैं। बिजली का ज़रूरत से ज्यादा प्रयोग, तेल का अनावश्यक जलाना, सभी संसाधनों की अनावश्यक बर्बादी हमारी आदत बन चुके हैं। समस्या ये है कि हमें पहले ही काफी देर हो चुकी है, और हम अभी तक जैसे किसी ईश्वरीय भविष्यवाणी का इंतज़ार कर रहें हैं।
हम लोंगों को कम से कम निजी तौर पर अपनी पृथ्वी को बचाने के िलए सतत् प्रयास करने चाहिए। और दूसरों को इस बारे में प्रेरित भी करना चाहिए। शुरूआत के लिए कम्प्यूटर टेबल से उठने से पहले कम से कम माॅनीटर बन्द कर दीजिएगा।
अनुराग
मेरा पुराना चिट्ठा ऊर्जा अपव्यय के संदर्भ में
Tuesday, May 23, 2006
भस्मासुर बनते हम।
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